आजाद देश इस भारत मे,
क्या सच मे हम आजाद हुए है!
चोरी -डाका, आतंकवाद से
,
हम आज बर्बाद हुए हैं!!
असली आजादी तो उन्हे ही है,
जो दिन -रात घोटाले करते हैं!
भारत माता का नित खून चूसकर,
इक -दूजे से सवालें करते हैं!!
एक ही थाली के सब चट्टे -बट्टे,
सब अलग होने का दिखावा करते हैं!
हम -सब को बातों मे उलझाकर,
वे भरपूर हवाला करते हैं!!
अबलावों की इज्जत लूट के वे ,
बा-इज्जत बरी हो जाते हैं!
दहेज के लिए वे अपनी बहुवों को ,
जिंदा ही उन्हे जलाते हैं!!
दिन -दहाड़े हत्यांए करके वे ,
बे-फ़िकर घूमते हैं!
आजाद देश इस भारत मे, वे,
मस्ती के साथ झूमते हैं!!
एक आम आदमी सहमा-सहमा,
चेहरे पे सिकन रहती उनको!
आजाद देश इस भारत मे,
अपने जीवन की फ़िकर रहती उनको!!
आजाद देश इस भारत मे................
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
दिनांक-११/०८/१९९९ ,बुद्धवार,समय-२.३० पी.एम.
चंद्रपुर(महाराष्ट्र)
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