Monday 26 September 2011

लेना है तो जीवन ले लो (महंगाई)


अन्तराष्ट्रीय किमतों की दुहाई देकर,
अब डीज़ल- पेट्रोल के दाम बढाए जाते !
बे कसूर भोली जनता पर ,
महंगाई का कफ़न चढाए जाते!!

इनकी किमतें बढने से ही,
वस्तूओं के दाम स्व्यम बढ जाते हैं!
इससे महंगाई पे फ़र्क नही पड़्ता,
ए हमे झूठी दिलाशा हैं दे जाते!!

इस आग उगलती महंगाई से,
लोगों का जीवन नर्क हुआ!
इन वोटों के सौदागरों से,
सब का बेड़ा गर्त हुआ!!

कोई कितना बज़ट बना के रखे,
पर ए भष्मासुर हैं बन जाते!
लोगों के सुनहरे सपनों को ,
ए पल भर में चौपट कर जाते!!

अब तो रहम करो हम पर,
अपने नाकामी का बोझ नही डालो!
लेना है तो जीवन ले लो,
तड़पा-तड़्पा के हमे नही मारो!!
                   मोहन श्रीवास्तव
                    ०२/०३/२०१० समय-१०.३० ए एम, सोमवार
                     रायपुर(छत्तीस गढ)

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