अब आ गया जमाना महिलाओं का,
पुरुषों से ये कोई कम हैं
नहीं !
हर एक क्षेत्र मे आज इनकी
है पकड़,
इसमे किसी को भ्रम हो नहीं
!!
पहले जब ये अनपढ थीं,
इनका शोषण बहुतों ने किया
!
पर आज ये शिक्षित हो-हो कर,
अपनी श्रेष्ठता का परिचय
दे ही दिया !!
कर रही तरक्की ये तेजी से,
और विकास मे बराबर की हकदार
हैं !
ये भोग की कोई वस्तु नही,
ये माँ दुर्गा की अवतार
हैं !!
जहां नारियों की पूजा की
जाती,
व इन्हें आदर- सम्मान जहां मिलता !
यह वेदों का अमिट वाक्य,
वहां देवों का निवास हुआ
करता !!
ये त्याग अनोखी हैं मिशाल,
व ममता की प्यारी मूरत
हैं !
कहीं बेटी का रूप, कहीं पत्नी का स्वरूप,
कहीं मां की दिखाती सूरत
हैं !!
संसार सदा है ॠणी इनका,
इनके कर्ज़ को ना कोई
चुका है सका !
जिसने भी नाम कमाया जग
में,
उनपे छाया रहा है सदा
इनका !!
अब आ गया जमाना महिलाओं का,
पुरुषों से ये कोई कम हैं
नहीं !
हर एक क्षेत्र मे आज इनकी
है पकड़,
इसमे किसी को भ्रम हो नहीं
!!
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
दिनांक-०९/०३/२०१०,गुरुवार,प्रातः ९ बजे
कोंडागांव ,बस्तर,(छत्तीसगढ)
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