Thursday 29 September 2011

हम दो हमारे दो


परिवार में खुशियां लाना है तो,
दो बच्चों का परिवार हो !
हम दो हमारे दो का ,
दिल से यही पुकार हो !!

इस मंहगाई के जमाने में,
जादा संख्या बढा़ना ठीक नही !
अपने हरे-भरे आंगन में,
बस दो फ़ूल खिलाना ठीक यही !!

बेटा या हो बेटी ,
हमे इनमे भेद नही रखना होगा !
उनकी उचित परवरिश के लिए,
हमे दिल से ध्यान देना होगा !!

आज बेटियों को देखो जो,
हवाई जहाज तक उड़ा रही हैं !
राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री हो कर,
अपने देश का गौरव बढा़ रही हैं !!

दो बच्चों के रखने से ,
हम अपने घर को स्वर्ग बना सकते !
आकाश में सूरज-चंदा जैसे,
वे इस जहां मे रोशनी ला सकते !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक- १७/०१/२०००,सोमवार,शाम .५० बजे

चंद्रपुर(महराष्ट्र)


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