तेरी दया जो हो जाए मइया ,
सब बिगड़े काम बन जाते हैं !
आंसू से भरे हों जिनके दिल ,
तेरी दया से वो मुस्काते हैं !!
उन दुखियों के लाज बचाती हो ,
जो तुझपे आश मा रखते हैं !
तूं तो उनके भाग्य बदल देती !
जो विश्वाश मा तुझपे रखते हैं !!
जिनकी गोदें है सूनी मा,
उन्हे फ़ूलों से तुम भर देती !
जिनकी मांगे है सूनी मा ,
उन्हे मन चाहा तुम वर देती !!
तुझे नही चाहिए मणियों का हार ,
ना ही पकवानों की भूखी !
बस श्रद्धा की भूखी हो मइया ,
चाहे कोई खिलाए रुखी-सुखी !!
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक-०९/०४/२००० , रविवार, सुबह - ९.३० बजे ,
चंद्रपुर (महाराष्ट्र)
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