तुम कमजोर नही,अबला हो नही,
तुम तो इक चिंगारी हो !
तुम मजबूर नही,लाचार नही,
तुम महान भारत की नारी हो !!
गौरव गाथा रहा है सदा,
अपने देश की बहादुर नारी का !
जो अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए,
और युद्ध लड़ी आजादी का !!
जब-जब धर्म की हानि हुई,
और अधर्म का पलड़ा भारी हुआ !
तब-तब अधर्म के नाश हेतु, नारी का,
शक्ति के रूप मे अवतार हुआ !!
श्रद्धा से जो कोई पूजे तुम्हें,
उन्हे तुम मा की ममता देती हो !
बुरी नजर कोइ डाले तुमपर,
उन पापियों के शीश काट तुम लेती हो !!
तुम वीरवती मातावों की,
वीरवती संतानें हो !
अन्याय कभी नही सहना,
तुम अपरिमित बल कि खजानें हो !!
कभी आंच नही आने देना,
ऐ नारी अपने सम्मान पर !
डटकर के मुकाबला तुम करना,
जो आंख दिखाए तेरी आन पर !!
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक-३०/१०/२००० ,सोमवार ,दोपहर -१२.३० बजे,
चंद्रपुर(महाराष्ट्र)
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