Monday 10 October 2011

जब पति देव को खुश रखना है तो

जब पति देव को, खुश रखना है तो,
कुछ बातों का, ध्यान रहे !
उन्हे अपने बस मे, रखना है तो,
हर-पल आप, सावधान रहें !!

रोज सुबह, ज़ल्दी उठ जाना,
यह काम आपका, पहला हो !
जीवन-साथी के, दिल मे आप,
सिधी-सादी, सरला हों !!

उन्हें मुस्करा के ,जगाना भूलें,
और उनके नाश्ते-खाने, का ध्यान रहे !
वे जब आफ़िस या, काम पे जाएं,
तो आंखों मे, झांक कर बिदा करें !!

जब शाम समय, वे घर लौटें,
तो स्वागत करें, खिलती कलियों सी !
मिट जाए थकान, जब उन्हे आप दिखें,
और व्यवहार करें, चंचल परियों सी !!

यदि नशा वे, करते हों कोई,
तो उनकी नशा, छुड़ाने का प्रयत्न करें
भर-पूर ,प्यार दिजिए उन्हें,
और उनके, दिल का रत्न बनें !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)

दिनांक- २४/११/२००१, शनिवार,रात्रि  १२.४५ बजे,

नामक्कल , (तमिल नाडु)



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