Saturday 15 October 2011

हम भारत के वीर सिपाही


हम भारत के वीर सिपाही ,
जो वतन पे शहीद हो जाते हैं !
अमर होते है, हम मरते है नही ,
हम अपने देश की शान बढ़ाते हैं !!

हिन्दू-मुस्लिम -सिक्ख=इसाई,
बस हम अपने घरों तक ही रहते हैं !
देश की बात जब कही आती है तो ,
हम सब पहले भारतीय बनते हैं !!

होली-ईद-क्रिशमस-वैशाखी,
हम सब मिल के वहां मनाते हैं !
शरहद की रक्षा हंसते-हसते करते,
और गर्व से तिरंगा फ़हराते हैं !!

हमे भी अपने बेटे -बेटियों की,व,
मां-बाप की याद तो आती है !
पत्नी की वह मधुर मुस्कान,
बहना की राखी से आंखे भर आती हैं!!

पर अपना घर तो यह सारा भारत है,
जिसे हम अपने जान से जादा मानते हैं !
इसे कभी कोइ बुरी नज़र नही लगने पाए,
हम इसे प्राण से जादा जानते हैं !!

मोहन श्रीवास्तव
दिनांक-०७/०५/२००० ,रविवार , शाम - ४.४५ बजे
चंद्रपुर (महाराष्ट्र)

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