Saturday 1 October 2011

ए वर्दी वाले होते ही हैं ऐसे


ए वर्दी वाले होते है ऐसे,
जिन्हे देख माथे पे पसीना आ जाता है!
डाक्टर, वकिल या पुलिस कोई,
इनसे दूर से ही मन घबराता है!!

होते हैं बड़े काम के ए,
जब कई संकटों से हमे बचाते हैं!
पर कुछ -कुछ वर्दी वाले तो ,
हमारे उपर आतंक मचाते हैं!!

पैसों की लालच मे कई डाक्टर,
ईंषान की ज़िंदगी से खेलते हैं!
अपनी ज़ेबें भरने के लिए,
वे उन्हें मौत के मुंह में ढकेलते हैं!!

कुछ वकील होते ऐसे हैं
जो तुम्हे करोण पति से कंगाल बना देते!
तुम्हे महलों से झोपड़ी मे ला करके
वे अपनी उंची हवेली बना देते!!

कई पुलिस वालों का कहना ही क्या,
जो हमे ईंषान से अपराधी बना देते!
पुलिसिया बेंत का भय दिखलाकर,
वे अपनी बातें मनवा लेते!!

ए वर्दी वाले होते ही हैं ऐसे........
मोहन श्रीवास्तव
दिनांक-  १६/५/२०००, मंगलवार ,दोपहर-२.४५ बजे
चंद्रपुर (महाराष्ट्र)

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