Sunday 20 November 2011

आराधना(श्री हनुमान जी का)


हे राम भक्त हनुमान प्रभु,
विनती सुन लो आके मेरी!
हे प्रभु मुझ दुखियारी को,
दर्शन दे दो ना करो देरी!!
दिनो के स्वामी हो भगवन,
तुम जग के पालन कर्ता हो!
तुम ही विष्णू, शव जी हो,
तुम ही संहार कर्ता हो!!
हे पवनपुत्र अंजनि नन्दन
तुम नित राम-राम रटते रहते!
तुम प्रभु अपने भक्तो पर,
कॄपा की वर्षा करते रहते!!
पावो मे खड़ाउं है तेरे,
बाएं हाथ मे उचा पर्वत है!
दाए हाथ मे गदा शोभायमान
राम चन्द्र तेरे दिल मे है!!
लाल लंगोटी पहने हो तुम
लाल-लाल तेरी काया है!
हमसे ना तुम रुठो भगवन
हमको तेरी ही छाया है!!
मै आज फ़सा इस संकट मे
संकट से आके उबारो तुम!
हे कालो के भी महाकाल
अपनी दया से बचा लो तुम!!
हे राम भक्त हनुमान...

मोहन श्रीवास्तव
दिनांक-२२/५/१९९१,बुद्धवार,रात्रि १० बजे
एन.टी.पी.सी दादरी ,गाजिया बाद(उ.प्र.)

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