दो दिवाने-दो अन्जाने, धरती पे आज मिल रहे हैं !
दोनो खुश है और मन प्रसन्न,फ़ूलों की तरह वो खिल रहे हैं !!
दो दिल मिले है आज ,बहुत अरमान को लिए !
सपने सजाए प्यार के, सितार को लिए !!
दो दिल ....
अन्जाने इसके पहले,दोनो ही रह रहे थे !
इसके लिए ही दोनो, ईंतजारी कर रहे थे !!
दो दिल मिले...
दोनो को ही खुशी है कि, यार मिल रहा है !
इक-दुसरे का उनको, प्यार मिल रहा है !!
दो दिल मिले....
कैसी घड़ी भी आये,तुम साथ-साथ रहना !
जीवन के इस सफ़र मे ,तुम साथ-साथ चलना !!
दो दिल मिले...
मेरा मन मगन है आज,दो प्यार देख के!
खुश हु मै इतना आज,दिलदार देख के!!
दो दिल मिले है आज...
जोड़ी रहे सलामत,आखिर मे ये दुआ है!
दोनो का प्यार अमर हो ,हम सब की ये दुआ है!!
दो दिल मिले है आज........
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक-२२/७/१९९१ ,सोमवार, दोपहर,२.५५ बजे,
एन.टी.पी.सी.दादरी ,गाजियाबाद (उ.प्र.)
No comments:
Post a Comment