गंगा तट पर शिव जी का मन्दिर
शेमराध नाथ कहलाते हैं !
शिव बाबा के दर्शन करने,
भक्त वहां पर आते हैं !!
दुखी जनों के स्वामी हैं प्रभु,
दीनों के हितकारी हैं !
भटके हुए के राही हैं वो,
शिव भोले भण्डारी हैं !!
माथ पे गंग और चन्द्र बिराजे,
नाग देवता धारी है !
तन पे बाघ की छाला उनके,
बुढ़े बैल की सवारी है !!
भोले बाबा के मन्दिर मे
सुबह -शाम घंट बजता रहता !
उनकी मुरति पर पुष्पहार,
और गंगा जल चढ़ता रहता !!
दुर-दूर से नर -नारी,
सब अपने मन मे अरमान लिए !
दर्शन कर के जाते है सब,
बाबा के चरणों की धुलि लिए !!
वे कितने उदार-दयालू है प्रभु,
सब पे कृपा बरसाते हैं !
मेरे उपर भी कृपा करो प्रभु,
हम तेरे दर्शन नहीं पाते हैं !!
मोहन श्रीवास्तव
(कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक-१०/८/१९९१ ,शनिवार,
एन.टी.पी.सी. दादरी ,गाजियाबाद (उ.प्र.)
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