Tuesday 13 March 2012

हम हिन्द देश के वासी हैं

हम हिन्द देश के वासी है,
हम मौत से भी नही डरते हैं !
आपस मे हम सब भले लड़ें,
पर वतन के लिए तो मरते है !!

अन्याय पसन्द नही है हमे,
हम न्याय पे चलने वाले हैं !
मित्रता चाहते है सबसे,
सन्मार्ग पे चलने वाले हैं !!

वीरों की भुमि ये भारत
इतिहास गवाही देते हैं !
देश प्रेम जन-जन मे भरा,
जो दुश्मन के प्राण हर लेते हैं !!

अलग-अलग मजहब के हम,
और तरह-तरह की भाषा है !
पर एक सूत्र मे बंधे हैं सब,
जो दुनिया के लिए परिभाषा है !!

अमन-शान्ति चाहते है सबसे,
पहले वार नही हम करते हैं !
पर हमे चुनौती दे कोई,
फ़िर मरते दम तक हम लड़ते हैं !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
//१९९९,रविवार,मध्याह्न
११.४५ बजे ,चन्द्रपुर महा.



No comments: