आया होली का त्योहार,
देखो दुश्मन बने है यार,
कैसे गले वो मिलने लगे !
सबके गाल गुलाबी लाल,
उनके कपड़े हुए बेहाल,
कैसे वो देखो लगने लगे !!
आया होली का त्योहार...
नन्हे-मुन्नों कि पिचकारी,
घर मे गूंजे है किलकारी,
रंग देखो वो छिड़्कने लगे
!
सब कोई भागे जोर-जोर,
भंग पी के करे शोर,
सब खुशी से उछलने लगे !!
आया होली का....
जिनको है किसी से प्यार,
मिलता बहाना है यार,
कैसे लुका-छिपी करने लगे !
गालों मे लगाते गुलाल,
दिल मे उठता है भूचाल,
खुशी आंखों से झरने लगे
!!
आया होली का...
जिजा-शाली की होली,
उनके सखियों की टोली,
उनपे रंग बरसाने लगे
!
चारों ओर उड़े अबीर,
बिरहा के दिल मे उठे
पीर,
सब गीत होली के गाने
लगे !!
आया होली का त्योहार,
देखो दुश्मन बने है यार,
कैसे गले वो मिलने लगे
!
सबके गाल गुलाबी लाल,
उनके कपड़े हुए बेहाल,
कैसे वो देखो लगने लगे
!!
आया होली का त्योहार...
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
१३-३-२०००,सोमवार,चन्द्रपुर महा.
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