Saturday 4 May 2013

करना घमंड कभी नही, मेरे प्यारे दोस्तों


करना घमंड कभी नही मेरे प्यारे दोस्तों ।
ना करना किसी को तंग ,मेरे प्यारे दोस्तों ॥

ये जींदगी के चार दिन, हंस के बिताइये ।
अच्छे करें सब काम ,फ़िर  तो नाम कमाइये ॥

पाप की कमाई से , हम दूर रहेंगे ।
पुण्य की कमाई से हम ,पेट भरेंगे ॥

दौलत हराम की है तो, हमे सुख-चैन ना मिले ।
परिवार मे रहे अशान्ति, और हमे शान्ति ना मिले ॥

अपना पराया छोड़कर, उपकार किजीये ।
दुखियों की करें मदद, और उन्हे प्यार दिजीये ॥

अभिमान हमे सत्य पे, और हो ईमान पे ।
जो भी दें हम किसी को, वो दें मान से ॥

जीवों को मत सतायें, और उन्हें प्यार किजीये ।
बद्दुआ न पायें किसी का, दुआ ही लिजीये ॥

लेना है जान कभी तो, मोहन का लिजीये ।
मत मारिये निर्दोष को, रहम तो किजीये ॥

कभी भी किसी के काम से ,ईर्ष्य़ा ना किजीये ।
नसीब मे लिखा है जो,स्वीकार किजीये ॥

करना घमंड कभी नही,मेरे प्यारे दोस्तों ।
ना करना किसी को तंग ,मेरे प्यारे दोस्तों ॥

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
२६-४-२०१३,शुक्रवार,८.३० बजे रात्रि,

पुणे, महा. 

No comments: