भोले बाबा है महान
कर लो उनका गुण-गान ।
तिनों लोकों मे उनका कोई शानी नही है ।
उनकी लीला अपरम्पार,
उनका रूप बेमिशाल,
गिरीजा उनकी तो देखो दिवानी हुई हैं॥
भोले बाबा हैं महान.....
चंदा मस्तक पे बिराजे,
देख के काम भी लाजे,
गंगा उनकी तो जटावों मे समाई हुई हैं।
मनमोहिनी शिव की सूरत
जी को ललचाये है मूरत
तिनों लोक तो उनकी दिवानी हुई है ॥
भोले बाबा हैं महान........
बिष को पी रहे त्रिपुरारी
नन्दी बैल की सवारी
उनके मुख से पलक कभी गिरती नही ।
उनके रूप का नशा
मेरे दिल मे है बसा
उनके सिवा हमे कुछ भी दिखती नही ॥
भोले बाबा हैं महान...........
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
५/४/२०१३,शुक्रवार,शाम ५ बजे,
पुणे महा.
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