विनती सुन लो हे मुरली वाले...
पार कर दो ये मेरी नइया,
ये नाव है अब तेरे सहारे !!
हम तेरे...
हमारी बाधा को दूर कर दो,
तुम्ही हो सब कुछ मेरे मुरारे !
अपनी बसुरिया को अब बजावो,
कहां तुम खोए हो मेरे राधे !!
हम तेरे द्वारे ..
जैसे द्रोपदी की लाज बचाई,
आके सभा मे चीर बढ़ाई !
उसी तरह मेरी लाज को प्रभु,
आके बचा लो हे चक्र धारे !
हम तेरे द्वारे से...
आज इस संकट की घड़ी मे,
कोई नही है मेरा सहारा !
हे मेरे स्वामी कृपा करो अब,
सुझे नही है कोई किनारा !!
हम तेरे द्वारे..
मेरी गरीबी का ध्यान कर लो,
हे प्रभु जी मेरी अब लाज रख लो !
तुम्हारे बिन अब कोई न मेरा,
कैसे बताऊं हे पीत धारे !!
हम तेरे द्वारे...
तुम्हारी महिमा को हम न जाने,
कैसे मैं विनती करुं तुम्हारी !
अपने भक्तों के तुम दुलारे
सब की नइया को खेने वाले !!
हम तेरे द्वारे कब से खड़े है,
विनती सुन लो हे मुरली वाले...
ये नाव है अब तेरे सहारे !!
हम तेरे...
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक- २८/६/१९९१,
शुक्रवार,रात्रि ८.३५ बजे,
एन.टी.पी.सी,दादरी.गाजियाबाद (उ.प्र.)
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