"मंगलमय हो जन्मदिन आपका" ,
व दिल के सपने साकार हों ।
जीवन मे सफ़लता कदम चूमें,
व सुख मय सदा परिवार हो ॥
कभी कांटा न चुभे,ठोकर ना लगे,
जब चलें आप कहीं राहों मे ।
जीवन मे हर पल उजाला हो,
व गूंजे नाम दिशावों मे ॥
सदा सन्मार्ग पर चलें आप ,
व बुराई की राहों से दूर रहें |
मोहन की दिल से यही कामना ,
खुशियों से सदा भरपूर रहें ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
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३-१-२०००,शाम ५ बजे,
चंद्रपुर,महाराष्ट्र