मां से भी बढ़कर गौ मां है हमारी,
फिर मां का कत्ल क्यों हो रहा है ।
हम देख के भी अंजान से हैं,
ये हमारे अक्ल को क्या हो रहा है ॥
ये कैसा दुर्भाग्य है हमारा,
कि हम अपने मां की रक्षा नही कर पाते ।
जिस मां का हो हमने दूध पिया,
हम उसे सुरक्षा नही दे पाते ॥
मत मारो हमारी गौ मां को,
गाय हमारी माता है ।
कर जोड़ के विनती है सबसे,
ये सारे जहां की बिधाता है ॥
वोटों के सौदागरों से है विनती,
कि गौ हत्या पर पुर्ण प्रतिबंध लगाया जाये ।
इनकी सम्पूर्ण सुरक्षा हो,
ऐसा प्रबंध कराया जाये ॥
इनकी सम्पूर्ण सुरक्षा हो,
ऐसा प्रबंध कराया जाये....
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
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04-09-20123,wednesday,4pm,(745),
pune,maharashtra.