भ्रष्टाचार से आहत, हो गया है, भारत आज,
हर एक जगह मे, दिखता, भ्रष्टाचार है !
लगभग हर विभाग मे , हो गया है, चलन आज ,
बिना पैसे दिये ,सुनी जाती न, पुकार है !!
किसी अच्छे स्कूल मे, दाखिला, दिलाना है तो,
ज़ेब मे हो मोटी रकम ,तभी ,आगे बढ़िए !
न्यायालय मे मुकदमे कि, तारीख, बढानी है तो,
बाबू जी के टेबल पर, कुछ, पैसे धरिए !!
यदि ज़ल्दी दर्शन पाना है ,मन्दिर मे, भगवान का ,
तो पुजारी को, मुंह-मांगा, पैसे देना पड़ता है !
थाने मे रपट ,लिखाना है, यदि आपको,
उसके लिए भी ,वहां पैसे, देना पड़ता है !!
निर्माण- मेन्टेनेन्स का, कोइ ठेका, चाहिए तो,
उसमे भी ,प्रतिशत का, ख्याल रखा जाता है !
गाड़ियों की पासींग, या आर.टी .ओ आफ़िस, मे काम हो,
वहां भी तो पैसों का, सवाल, रखा जाता है !!
सरकारी अस्पतालों का, हो गया है ,बुरा हाल,
वहां भी तो लाशों का, सौदा, किया जाता है !
नौकरी चाहिए ,यदि किसी भी, विभाग मे,
योग्यता के साथ-साथ, पैसे, लिया जाता है !!
बिज़ली-टेलीफ़ोन का, कनेक्शन, चाहिए तो,
साहब जी को, पैसे से, कनेक्शन पहले किजीए !
ट्रेनो मे आरक्षण ,चाहिए यदि, आप को ,
टी.टी साहब जी की जेब, गरम ,पहले किजीए !!
ये चन्द तश्वीर, है ये, भ्रष्टाचार का,
पैसे नही दोगे, तो काम, न हो पाएगा !
किसी भी सरकारी, काम को ,करवाना है तो,
पैसे जब दोगे, तो सारा काम, बन जाएगा !!
भ्रष्टाचार से आहत, हो गया है, भारत आज,
हर एक जगह मे, दिखता, भ्रष्टाचार है !
लगभग हर विभाग मे, हो गया है, चलन आज,
बिना पैसे दिये, सुनी जाती, न पुकार है !!
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
१६/९/१९९४ समय- ६ ए.यम,
वृहस्पतिवार चिन्चभुवन,वर्धा रोड, नागपुर