Sunday 26 January 2014

विनम्रता को कभी न खोना

मिल तो जाता है अपमान बहुत,
पर सम्मान बहुत मुश्किल से मिलता
दुनिया मे दुःख की कमी नहीं,
पर खुशी तो कभी-कभी मिलता

जैसे पेड़ में फल लग जाने से,
वृक्ष और भी झुक जाता
फूल भी देखो अपनी डाली में,
कितना प्यारा है मुस्काता

विद्द्या,लक्ष्मी,सम्मान आदि,
ये सब बहुत भाग्य से मिलते हैं
जिसको पाकर के हर दिल,
मन ही मन तो खिलते हैं

हम चाहे कितना बढ़ जायें,
पर हमें अहंकार कभी किसी का हो
अहंकार आज तक किसी का चला नहीं,
बस इतिहास को पढ़के तो देखो

विनम्रता को कभी खोना,
ये मानव की सही पहचान है
इससे प्यार और भी मिलता,
और सदा ही मिलता सम्मान है
इससे प्यार और भी मिलता,
और सदा ही मिलता सम्मान है.....

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
25-01-2014,Saturday,11:45am,(841)

Pune,M.H

Saturday 25 January 2014

आजादी की पावन बेला में


मगन है धरती,आकाश मस्त है,
भारत माँ खुशी से नाच रही
आजादी की पावन बेला में,
वो अपने खुशियों को बांट रही

जन-जन में है उत्साह भरा,
आजादी का जश्न मनाने को
याद कर रहे आज सब कोई,
आजादी के मतवालों को

शौर्य प्रदर्शन कर हम अपना,
दुनिया को दिखलाते हैं
हम किसी से कम हैं नहीं,
ये दुश्मनों को खूब समझाते हैं

लहर-लहर लहरा है रहा,
हम सब का तिरंगा प्यारा
जो सारे जग को संदेश दे रहा,
सत्य,अहिंसा,भाईचारा

इस झण्डे के तले खड़े हो,
सौगंध आज हम खायेंगे
अपने भारत की रक्षा में,
हम अपने प्राण गंवायेंगे
अपने भारत की रक्षा में,
हम अपने प्राण गंवायेंगे....

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
24-01-2014,Friday,06:00pm,(840)

Pune,M.H