Thursday 13 February 2014

गुरूदेव और सुखदेव, भगत सिंह

हर खुशी भुलाकरके मित्रों,
आओ हम याद उन्हें भी कर लें
उन भारत माता के वीर सपूतों को,
दिल से नमन हम कर लें

आज जो हम आजाद हुए हैं,
उन सबके एहसान बड़े हैं
जो भारत माँ की आजादी के लिये,
हसते-हसते शूली पे चढ़े थे

जब-जब याद है उनकी आए,
तब-तब आखों मे नीर भर आता है
देश प्रेम हो हम सब में,
बात हमे सिखलाता है

इन्हीं महान क्रांतिकारियों में वे तीन,
जो अपना अमिट छाप हैं छोड़ गये
गुरूदेव और सुखदेव, भगत सिंह,
जो गुलामी के बंधन को तोड़ गये

मित्रों हम कितना भी तरक्की करते जायें,
पर हमें उन शहीदों को कभी नहीं भुलाना है
उन भारत माँ के सपूतों के सपनों को,
हमें सच करके तो दिखाना है
उन भारत माँ के सपूतों के सपनों को,
हमें सच करके तो दिखाना है.....

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
14-02-2014,Friday,11:50am,(855)

Pune,M.H,

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